Sunita gupta

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देश की पहली महिला इंदिरा गांधी

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को लौह महिला क्यों कहते हैं :-   
                        31अक्टूबर 1984 भारत के इतिहास का वह काला दिवस जिस दिन हमने दृढ़ निश्चयी ,साहसी एवं तत्काल निर्णय की क्षमता रखने वाली लौह महिला को खोया ।यह वह  समय था जब देश को उन जैसी अनुभवी प्रधानमंत्री मंत्री की सबसे अधिक आवश्यकता थी । संपूर्ण विश्व में आयरन लेडी के नाम से विख्यात इंदिरा जी का जन्म इलाहाबाद के आनंद भवन में 19नवम्बर 1917में हुआ था ।उनकी माता कमला नेहरू एवं पिता पं.जवाहर 
लाल नेहरू थे। उनकेजन्म के पश्चात हीआनंद भवन देश की आजादी के लिये लड़ रहे आंदोलन कारियों के लिये राजनीति का अखाड़ा बन चुका था ।अपने बचपन से ही वह आंदोलनकारियों के बीच रहीं और उनकी सहायता के लिये ही उन्होंने मात्र11वर्ष की आयु में वानर सेना का गठन किया जो संदेश वाहक के साथ ही लुक छिपकर उनकी मदद करते थे। यह उनके नेतृत्व की क्षमता का पहला पाठ था । जिसने उन्हें दृढ़ निश्चय,साहस और संकल्प शक्ति के साथ तत्काल निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की । अपने इन्हीं गुणों के कारण ही वह अपने पिता की मृत्यु के पश्चात प्रधानमंत्री बने लालबहादुर शास्त्री जी के मंत्रिमंडल में सूचना प्रसारण मंत्री बनी और शास्त्री जी की आकस्मिक निधन के बाद वह वर्ष 1966से लेकर 1977तक देश की पहली महिला
 प्रधान मंत्री रहीं ‌।  अपनेशासन काल मेंउनहोंने पांच ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिये जिसके कारण उन्हें विश्श की सबसे सशक्त महिला प्रधानमंत्री के रूप में जाना गया ।1975 में देश में आपातकाल लगाये जाने पर उन्हें *इंडिया इज 
इंदिरा एंड इंदिरा इज इंडिया *कहा जाने लगा ।
पांच वह कार्य जिनके कारण वह लोह महिला बनी और उन्हें उनके दृढ़ निश्चय से कोई नहीं हिला सका।लौह महिला क्यों कहते हैं कारण :-
(1.)19 जुलाई 1969 में 14 निजी बैंकों का जिन पर केवल उद्योग घरानों का ही कब्जा था उन सभी14 बैंको का राष्ट्रीय करण किया ।
( 2)संविधान में 26वें संशोधन द्वारा सभी राजघरानों का प्रिवीपर्स बंद किया। लोक तांत्रिक गणराज्य में राजाओं का क्या महत्व ।
(3) पाकिस्तान को घुटने टेकने पर विवश करते हुये बंगला देशका उसकी आजादी का समर्थन करते हुये बंगलादेश को समर्थन देकर आजाद कराना । 
(4) राजस्थान के पोखरण क्षेत्र में सन्1974 में  परमाणु विस्फोट के द्वारा भारत को शक्तिशाली सिद्ध करते हुये परमाणु शक्तिवाला देश बनाना । इससे दक्षिण एशिया मेंभारत का वर्चस्व बढ़ा ।
(5)1जून1984 आपरेशन ब्लूस्टार उग्रवादी खालिस्तान के विरोध में ।जिसके कारण 31अक्टूबर 1984में उनके निवास पर ही उनके  रक्षकों द्वारा उनकी हत्या ।यह भारत के इतिहास का वह काला दिन था जिस दिन उनकी शहादत हुई । उन्हें ज्ञात था की उनके चारों ओर षड़यंत्र रचे जारहे हैं फिर भी वह निडर थी ।ऐसी महान विभूतियां सदियों में जन्म लेती हैं।
सुनीता

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6 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 10:15 AM

शानदार

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Khushbu

13-Nov-2022 05:55 PM

Nice 👍🏼

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Mahendra Bhatt

04-Nov-2022 04:32 PM

बहुत खूब

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